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।।  অসহায় প্রকৃতি।।
কলমে – পূজা সাহা

আমি প্রাকৃতিক সৌন্দর্য দেখতে চাই।।
সেই প্রাকৃতিক সৌন্দর্যে আমি নিজেকে হারিয়ে যেতে চাই।।
প্রকৃতি হলো আমার জীবন কারণ আমি প্রাকৃতিক সৌন্দর্য ভালোবাসি।।
ভালোবাসি এই সবুজ পাতা ভালোবাসি এই সবুজ ডাল।।
ভালবাসি এই প্রকৃতির রঙ্ ভালবাসি এই ফুলের ঝলমলে্ রঙ্।।
আমার কষ্ট হয় তখন
দেখি যখন প্রকৃতির ওপর কি নিদারুণ অত‍্যাচার! গাছ কাটো! কাটো কেটে সাফ করো সব। পুকুর বোজাও মাঠ বন্ধ কর।।
ইমারত গড়তে হবে যে  অনেক টাকার ব‍্যাপার যে
প্রকৃতি চুলোয় যাক কার কি যায় তাতে!
শুকনো ডাল পাতা কেটে পরে থাকে যখন।।
আমি কই এ কি হলো! আমার সবুজ সাথী।
তুমি চিন্তা করোনা আমি তো আছি। আমি তো আছি।।
………..     

হিন্দি অনুবাদ :

असहाय प्रकृति
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मैं प्राकृतिक सुन्दरता में खुद को खोना चाहती हूँ ।
चाहती हूँ  हरियाली से भरी लहराती फसलें, पेड़ ,
पक्षियों की मधुर ध्वनि
रंग बिरंगे फूलों पर तितलियों का नृत्य बहती जल की कलकल धारा।
सुनना चाहती हूँ
इस घने वन मे शब्द की पुकार….
मैं हमेशा प्राकृतिक सुन्दरता का आभास कराते वृक्ष को याद करती आगे कहती हूँ मत काटो इनको।
बदल गये वन ,जंगल,
लुप्त  हो रहे पक्षी,प्राणी और पेड़….
पेड़ काटो! काटो काटो  और काटो
बच न पाये धरती पर एक पेड़
इमारतें जो बनानी हैं,धूल,धुँयें भरे कारखाने ।
दुःख हमारा यही है.. आज प्रकृति असहाय,केवल असहाय…

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নেপালী অনুবাদ

.     ।।   असाहय प्राकृतिक।।
म आफूलाई  प्राकृतिको                    

सौन्दर्यमा डुबेर हेर्नु चहान्छु।।

हेर्नु चहान्छु जहाँ हरियो झार, ठूलो ठूलो बृक्षले भरिएको बन-  जंगलमा रातो गुराँस फुलेको फूलहरू ढकमक्क फुलेका।।

पंक्षीहरु जस्तैप्राकृतिको गहिराईमै
झरनाको प्रभावमा बहनु चहान्छु।

दु:ख लाग्छ मलाई हरियो झार बिलिन देख्दा ।।
दुःख लाग्छ मलाई बृक्ष काटेको  काटैक देख्दा ओहो अबत
कलकला झरनाको आवाज पनि
लुप हुनेहो चरोको स्वरको साथ।

मलाई दुःख लाग्छ प्राकृति शून्य
चारैतिर हरियाली होइन डेरा।।

खै यो कस्तो अत्याचार प्राकृति
आज  असाहय किन  भएको
अब त सास फेर्न पनि गाह्रो भयो।

           लेखक -पूजा शाह                                             [            [    Puja Saha ]

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